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Tuesday, 3 March 2009

पाक को आतंकवादी देश घोषित किया जाए


लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेटरों पर दुस्साह हमला वाकई दिल दहला देने वाला है। पाकिस्तान से संचालित आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए गंभीर खतरा है यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो चुकी है। इस हमले ने एक बात को और स्पष्ट किया है कि पाक सरकार का देश की कानून व्यवस्था पर नियंत्रण नहीं रह गया है और आतंकी जो चाहे कर सकते हैं इसलिए आतंकवादी ढांचों को नष्ट करने की दिशा में कदम उठाना खुद पाकिस्तान के हित में है। अभी कल ही अमेरिकी रक्षा मंत्री राबर्ट गेट्स का बयान आया था कि तमाम आतंकवादी संगठनों के लिए पाकिस्तान सुरक्षित पनाहगाह है और आज यह हमला हो गया। यह हमला उस खतरे की घातकता को रेखांकित करता है जो पाकिस्तान केंद्रित आतंकवाद से उपज रहा है। भारत हमेशा से ही पाकिस्तान में आतंकवादी ढांचों को ध्वस्त करने पर जोर दे रहा है और इस हमले ने एक बार फिर ऐसा करने की आवश्यकता पर बल दिया है।

अब समय आ गया है जब दुनिया को भारत की चिंताओं को समझना चाहिए। यह घटना पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने के लिए विश्व समुदाय को विवश करेगी। यह केवल क्रिकेट पर हमला नहीं है बल्कि शांति चाहने वाले विश्व बंधुत्व पर भी हमला है।

वैसे श्रीलंका अगर भारत के पाक दौरा रद्द करने के बाद उसकी जगह खेलने के लिए राजी नहीं होता तो उसके क्रिकेटर आतंकवादी हमले से बच सकते थे। गौरतलब है कि टीम आज जब मेजबान के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन के खेल के लिए गद्दाफी स्टेडियम जा रही थी तो टीम बस पर हुए आतंकी हमले में उसके छह क्रिकेटर जख्मी हो गये। श्रीलंका अगर जल्दबाजी में आयोजित की गई श्रृंखला में खेलने के लिए राजी नहीं होता तो यह त्रासदी टल सकती थी। तय कार्यक्रम के मुताबिक भारत को जनवरी-फरवरी में पाकिस्तान का दौरा करना था लेकिन मुंबई में 26 नवंबर को हुए आतंकी हमले के बाद इस दौरे को रद्द कर दिया गया। भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों से महेंद्र सिंह धोनी की टीम को सरहद पार जाने की इजाजत नहीं दी थी। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी टीमों के पहले दौरे पर आने से इंकार करने के बाद घर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से महरूम पाकिस्तान भारत का विकल्प ढूंढने के लिए बेताब था।

तत्कालीन अध्यक्ष अर्जुन रणतुंगा की अगुआई में श्रीलंका क्रिकेट ने पाकिस्तान की मदद के लिए हाथ बढ़ाया और टीम दो चरण का दौरा करने पर राजी हुई जो अब आतंकी हमले के बाद रद्द हो गया है। श्रीलंका ने जनवरी में पाकिस्तान में वनडे श्रृंखला खेली जिसमें कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। भारत के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर वनडे श्रृंखला में शिकस्त के बाद टीम पिछले महीने के मध्य में टेस्ट श्रृंखला के लिए पाकिस्तान लौटी थी। भारत के खिलाफ श्रृंखला का आयोजन भी जल्दबाजी में किया गया था। महेला जयवर्धने की टीम का दौरा अगर सफल रहता तो पाकिस्तान को क्रिकेट जगत को यह साबित करने में मदद मिलती कि देश खेलने के लिए सुरक्षित है। लेकिन श्रीलंकाई टीम पर हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मेजबान के रूप में पाकिस्तान के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल छा गए हैं।

नीरज कुमार दुबे

7 comments:

Unknown said...

नीरज जी सही कहा है आपने । पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए । पानी अब नाक से ऊपर जा चुका है ।

Unknown said...

नीरज जी सही कहा है आपने । पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए । पानी अब नाक से ऊपर जा चुका है ।

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

आतंकवादी राष्ट्र घोषित करने से कुछ नहीं होगा जी. उसके लिए एक ही काम करने की जरूरत है और वो है दे जूता............

Unknown said...

सेकुलरों की डीटेल प्रतिक्रिया का इन्तज़ार है जी… :) नाक से ऊपर तो कभी का जा चुका अब तो सर के ऊपर जा चुका है…

Udan Tashtari said...

बिल्कुल सही कहा.

बेहद दुखद, अफसोसजनक एवं निन्दनीय घटना!!

Anonymous said...

नंगा सच है। जिसे सब जानते हैं लेकिन फिर भी घोषणा में देरी क्‍यों?

अनुनाद सिंह said...

आप बहुत छोटी बात की मांग कर रहे हैं। 'आतंकवादी देश' घोषित करना पाकिस्तान के लिये कोई इलाज नहींहै। विश्व-समुदाय को पाकिस्तान के आतंकवाद-समर्थक एवं आतंक-पैदा-करने वाले तन्त्र के खात्मे की दिशा में प्र्यत्न करना चाहिये।

भारत के सेक्युलर अब भी पाकिस्तान के साथ हैं और रहेंगे। वे भारत के हितों की अपेक्षा पाकिस्तान के हितों की रक्षा को अधिक महत्व देंगें। उनके लिये इजराइल और अमेरिका का विरोध अधिक माने रखता है; भाड़ में जाय भारत !